VIEW HYMN

Hymn No. 60 | Date: 10-Dec-1996
Text Size
नैनों के कोर जाते है भीग, याद आने पे तेरी,
नैनों के कोर जाते है भीग, याद आने पे तेरी,
फिर भी ना पसीजे तू ऐ मेरी पत्थर के मूरत ।
सीरत तेरी नजरों के सामने हर पल नजर आये,
आँसूओं से भीगे नैन मेरे तेरी मूरत को देख न पाये ।
सूखे अधरों पे हर वक्त रहता है तेरा नाम,
कंठ से बोल ना फूटे फिर भी लेता हूँ नाम तेरा।
तुझे बिन देखे तेरे ख्वाबों से प्रीत कर ली मैंने,
परवाह ना है जमाने की गर बन जाऊँ कदमों की धूल तेरी ।
साँस मेरी रूक – रूक के चल रही है इस आस पे,
जाने – अंजाने आज नहीं तो कल होगी मुलाकात तुझसे ।


- डॉ.संतोष सिंह