VIEW HYMN

Hymn No. 59 | Date: 04-Dec-1996
Text Size
मैं तो हूँ तेरा दीवाना, दीवाना, दीवाना,
मैं तो हूँ तेरा दीवाना, दीवाना, दीवाना,
कोई समझे पागल, कोई परवाना ।
पर मुझको ना है, गम इन बातों का,
मैं तो हूँ तेरा दीवाना,दीवाना, दीवाना ।
मैं तो हूँ मस्त तेरी दीवानगी में ।
कोई समझे इसे मेरी आवारगी,
इसमें उसका ना कोई है दोष,
मैं तो हूँ, तेरा दीवाना, दीवाना, दीवाना ।
मुझे ना किसी के नजरो का है खौंफ,
ना किसी की बातों की परवाह,
तेरी दीवानगी में ना है मुझे होश अपना,
मैं तो हूँ तेरा दीवाना, दीवाना, दीवाना ।
आलम ये है तेरी दीवानगी का,
हर चेहरें पे तेरा चेहरा नजर आयें,
पल भर को ओझल ना हो चेहरा तेरा,
मैं तो हूँ तेरा दीवाना, दीवाना, दीवाना ।


- डॉ.संतोष सिंह