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Hymn No. 55 | Date: 20-Nov-1996
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अब जब ख्याल आया है मुझको तेरा
अब जब ख्याल आया है मुझको तेरा
अब तक क्या खोया क्या पाया इसका गम ना है मुझको ।
जगी है मन में अब एक आशा,
काश तन मन से बन जाता मैं तेरा ।
खोने और पाने की लालसा से हो जाना है मुक्त,
मौत के बाद तुझसे मिलने की तमन्ना है अब ।
मौत और जिंदगी के जग में है न अब आना,
डूब जाना है मुझको तेरे आनंद के महासागर में ।
कामयाबियों या नाकामयाबियों से क्या मतलब मुझको,
इंतजार है अब तेरे बुलावे का ।


- डॉ.संतोष सिंह