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Hymn No. 510 | Date: 18-Dec-1998
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हम आशीक है तेरे, परवाह ना है हमें जमानें की।
हम आशीक है तेरे, परवाह ना है हमें जमानें की।
हर दौर से गुजर जायेगे, तेरे निकट हम जरूर आयेंगे ।
रोड़े राह में रहे हजार, हर इक् को पार कर जायेगे तेरा दामन पकडके।
ऊफं तक ना करेंगे कीसी बात पे, तेरे सामनें मुस्कूरातें हुये आयेंगे ।
fिमटना पड़ा तो मिटतें रहेगे तेरी सजंदा दिल के भीतर करतें रहेगे ।
जतन उन हर इक् प लों का दिल में करेंगे जो तेरे संग गुजारा है हमने।
हमारें ख्वाबों ख्यालों में तू ही तू रहेगा तेरे सिवाय कुछ ना होगा।
मन में फरियाद को ना आनें देंगे, वहाँ सिर्फ तेरी यादें रहेगी।
इस जीवन में जो कूछ भी घट रहा है सदा तेरी कृपा सें।
समर्पण है हमारा तेरे चरणों में, तहें दिल से नाम लेतें रहेगे तेरा।


- डॉ.संतोष सिंह