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Hymn No. 2858 | Date: 26-Oct-2004
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कभी भूले से याद कर लिया करो, पास बुलाके धीरे से प्यार कर लिया करो।
कभी भूले से याद कर लिया करो, पास बुलाके धीरे से प्यार कर लिया करो।
माना हम लायक नहीं, तो भी दिल मैं न बसाते आंखे चुपके से चार कर लिया करो।
दोष होंगे हममें कई, पर मारे हैं तेरी मोहब्बत के, तू छुड़ायेगा हाथ फिर भी पास तेरे आयेगे।
जब जब तन्हाइयों मैं रोता हूँ, सोते हुये ख्वाबों मैं तुझे याद कर करके बिसुरता हूँ।
मुश्किल होती है बहुत, लोगों का ख्याल करके, फिर भी बिना तेरे रहते रहा नहीं जाये।
अपनी तो हर बार सुनाया तुझे, पर अब की बार कुछ सुनना चाहूं तुझसे।
माना तेरे पैमाने पे काबिल ना हैं हम, फिर भी हो कही कोई जगह तो बुलाना जरूर हमको।
गाफिल होता है जरूर, पर तुझको भुलाये भुल न पाऊं, दिन में बार बार तू ही याद आयो।
मारा हूँ मैं तो अपनी किस्मत ओर कर्मों का, मरे हुये को मारोगे तो निभाओगे दस्तूर दुनिया का।
तसव्वुर मिलने को मिलता नहीं, ना ही कुछ ऐसा है जो मिल जाये तो, फिर भी तेरे साथ को जोहता हूँ।


- डॉ.संतोष सिंह