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Hymn No. 2844 | Date: 15-Oct-2004
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कभी तो भूले से याद कर लिया करो, इस नासमझ को प्यार कर लिया करो।
कभी तो भूले से याद कर लिया करो, इस नासमझ को प्यार कर लिया करो।
जो औरों ने किया, वो तुमने किया तो दोहराया दस्तूर तुमने भी दुनिया का ही।
अच्छों को तो सबने गले लगाया, फिर अधर्म को जो तूने न पूँछा तो कौंन पूँछेगा।
माना चल चलके रुकते हैं हम, फिर भी दिलो जान से तुझे प्यार करते हैं।
तोड़ दे पुरानी परिपाटियों को, एक अधर्म को सर्वोत्तम बनाके जीना सिखा दे।
ऊफ तो करते हैं सब, जो तूने उफ किया तो देगा सहारा कौन हमको।
माना लायक नहीं तेरे प्यार के, तो सेवक बनाके रख ले पास तेरे हमको।
ये भी मेरी औंकात से बहुत बहुत ज्यादा है तो इतनी तो औकात बना दे तू मेरी।
मजबूर करता रहूँगा तुझे प्यार से, निरंतरता के लगाव से।
तेरी दुनिया में वजूद नहीं मेरा, फिर भी ख्याल पाले हुये हूँ तेरे साथ का।


- डॉ.संतोष सिंह