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Hymn No. 2396 | Date: 19-Jul-2001
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कमाल है, कमाल है ऐ मेरे मौला ये तो तेरी मोहब्बत का कमाल है।
कमाल है, कमाल है ऐ मेरे मौला ये तो तेरी मोहब्बत का कमाल है।
मेरी जिंदगी का इक इक पल तेरे प्यार से जो गुलजार है, कमाल है, कमाल है।
मेरे अंदर भरे हुये आनंद का नाम है तेरा कमाल है, कमाल है...
अचानक चेहरे पे आ जाती है हंसी, जब दिल गुप्तगु करता है तुझसे, कमाल है...
जब रहता हूँ दुनिया में तो छेड़ती है तेरी यादें, कमाल है...
लुभाती है बहुत सी नजरें, पर तेरा लुभाना भाये सबसे ज्यादा, कमाल है...
दरबदर भटकते हुये दिवानों को मिला तेरे दर पे ठिकाना, कमाल है...
मेरे सारे सवालों का जवाब देता है तू चाहे हो कितने भी अबूझ, कमाल है...
अब न पैदा हो दिल में किसी बात का मलाल, सब कुछ तेरा किया हुआ है कमाल, कमाल है...


- डॉ.संतोष सिंह