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Hymn No. 2374 | Date: 28-Jun-2001
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अब भी कितना सताओगे, दिल को कितना रुलाओगे।
अब भी कितना सताओगे, दिल को कितना रुलाओगे।
दूर रहके कब तक तुम हमारे पास न आओगे।
बैरी कौन बना है किसका, क्या प्यार में होता है हाल ये सबका।
रब ये तेरी कैसी रहनुमाई है, जो देते हो सजा अपनों को।
आज मत टालो बातों बातों में, कुछ तो बताओ अपने इरादों को।
माना तुम हो माहिर इस खेल के, पर न खेलो हमारे प्रेम से।
आंसू सूख जाते है आंखो में कि कोई तोहमत न लगाये तुमपे।
न आने के कारण होगे कई, आने का कारण है बस एक है तेरा प्यार।
गवारा न है किसी कारण से, पर अब न कराओ और इंतजार।
श्वास रुक भी जाये तो चैन न मिलेगा दिल को, जो है मारा तेरा।


- डॉ.संतोष सिंह