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Hymn No. 2372 | Date: 27-Jun-2001
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अरे...भरना है तो भर दे, इतनी अकूत मुहब्बत, करूँ प्यार तुझे बेपनाह।
अरे...भरना है तो भर दे, इतनी अकूत मुहब्बत, करूँ प्यार तुझे बेपनाह।
अरे...देना है तो दे दे, तेरी मिठी याद, बिखर न पाऊँ जीवन के किसी भी पलो में।
अरे...बढ़ाना है तो बढ़ा दे, बढ़ा दे दिल में इतनी कसक, रहे तू कही भी मजबूर हो जाये आने को।
अरे...लगाना है तो लगा दे, प्यार की आग मन में, जलूँ हर पल छटपटाता रहूँ तेरे लिये।
अरे...सवाँरना है तो संवार दे, मेरे प्यार को, जो तेरी हर पीड़ा हो जाये मेरी।
अरे...भड़काना है तो भड़का दे, तड़पके पहुँचू पास तेरे, संसार की सारी लोक लाज त्याग के
अरे...मिटाना है तो मिटा दे मुझको, चिर सलामत रखना तू अपने यार को।
अरे...धूल में मिलाना है तो मिला दे, खाकसार खाक बनके चूम लूंगा चरणों को तेरे।
अरे...बांटना है तो बांट दे मेरे हिस्से को तेरे अनंत साम्राज्य में।
अरे...दे रहा हूँ दस्तक तेरे दरबार में बार बार, इक बार तो तेरा हो जाने दे।


- डॉ.संतोष सिंह