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Hymn No. 2370 | Date: 26-Jun-2001
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बेशकीमती है तेरा प्यार, मोल न है कोई मेरे आसुओं का।
बेशकीमती है तेरा प्यार, मोल न है कोई मेरे आसुओं का।
नाली के कीडे ने, जो देख बैठां ख्वाब परम पिता की गोद का।
अनजान न हूँ अपने कर्मों से, फिर भी बाज न ही आ रहा।
तेरे संग रह रहके लोभ में, हूँ डूबा मायावी जहां के।
आजिज आ गया हूँ, उससे भी ज्यादा तड़पता हूँ तेरे प्यार में।
मत देख तू मेरी नालायकी को, बदल जायेगी तेरे संगत से प्यार में।
खोने के दिन गये, जगाया है जो तूने दिल में प्यार की आस।
रास नही आता अब कुछ, फीके पड़ गये जो तेरे आगे सब कुछ।
मां अब न कर तु कुछ ऐसा, जो हूक सी लगे दिल में मेरे।
हो सकता हूँ गलत, पर न अब होना चाहता हूँ तुझसे अलग।


- डॉ.संतोष सिंह