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Hymn No. 2369 | Date: 26-Jun-2001
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सौगात हो तुम जीवन भर के, बदल जाये अनंत जन्मों में वो।
सौगात हो तुम जीवन भर के, बदल जाये अनंत जन्मों में वो।
रुकने न देना अब तू मुझे, खत्म कर देना सारे कारणों को।
अथक प्रयास तू करवाते जाना, तेरा चाहना ही होगी हमारी मजिल,
दौर पे दौर आये कोई जीवन में, परिणाम से परे करवाते रहना पुरूषार्थ।
डर डरके जीनां छोड़के, निशंक मन से बढ़ते जाये तेरे प्यार की मस्ती में।
साये घोर विपदा जीवन में, तो अलख की मशाल जलाते हुये बढें ओर तेरे।
संग्राम पल दो पल का हो या जीवन भर का, आलस न आये पल भर को।
जीत हो या हार, परे इन सबसे रहके करें हम एक ओर महासंग्राम।
मजबूर हो जाये हारने वाले हारने को, करूँ जो अनहद नाद तेरे नाम का।
भेंद मिटा दूं तेरे मेरे बीच के, हो जाये खत्म मेरी पहचान हमेशा के वास्ते।


- डॉ.संतोष सिंह