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Hymn No. 2329 | Date: 26-May-2001
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अंदाज कुछ बदले बदले नजर आ रहे थे जनाब के।
अंदाज कुछ बदले बदले नजर आ रहे थे जनाब के।
सामने रहने पे भी आसमाँ को जो तकते जा रहे थे।
नजरअंदाज करना चाहके भी नजरअंदाज न कर पा रहे थे।
हमारी फितरतों पे नाराजगी के साथ प्यार जो आ रहा था।
जब मिलाया किस्मत ने, तो साथ तो निभाना पड़ेगा।
हमने भी न ठाना, मौका न देंगे साथ छुड़ाने का।
अगर किस्मत में दूर जाना लिखा हैं, तो उसे यूं ही न होने देंगे।
जो बात आज बनती नजर न आ रही हैं तो उसे संवारेंगे जरूर।
तू मिला है मुश्किल से, तो तेरा हुये बिना न रहेगे हम।
सनम खुदके दामन में काँटे रखके, फूल बिछायेंगे तेरे राह में।


- डॉ.संतोष सिंह