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Hymn No. 2279 | Date: 24-Apr-2001
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दिल की दुनिया में दिल के सिवाय किसी बात काकोई मतलब नहीं देखा।
दिल की दुनिया में दिल के सिवाय किसी बात काकोई मतलब नहीं देखा।
चलते है दौर पे दौर प्यार के, पीते पिलाते है निगाहों से एक–दूजे को।
वहाँ साकी और दीवाने बदलते रहते है आपस में नशे का जोर रहता है जिसके गाने में।
पैमाना भी होश खो देता है गले से उतरके, मस्ती का नशा जारी रहता है जो दीवानो पे।
बहकते हुये कदम वहाँ सधके चलते है अनजाने में, कमाल जो रहता है उनके गाने में।
बेमतलब जैसी बात लगती है वहाँ, फिर भी तरसते है बड़े से बड़े ज्ञानी ध्यानी के आने को।
प्राण देके कोईपा सकता नहीं साथ उनका, देना पड़ता है मोल दिल से तब मिलती है कृपा।
समय रहते जिसने पाया, उसको जीते जी मिल जाता है पूरे का आनंद।


- डॉ.संतोष सिंह