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Hymn No. 2278 | Date: 23-Apr-2001
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मुस्कराना सीख लिया, प्यार में नजरें झुका के अपना बनाना सीख लिया हमने।
मुस्कराना सीख लिया, प्यार में नजरें झुका के अपना बनाना सीख लिया हमने।
जो बात कही नहीं जा सकती जुबा से, नजरों से कह देना जान लिया हमने।
जानके अनजान बनना जान लिया, दिल ही दिल में बतियाते रहना जान लिया।
हंसते हुये टाल देना, जाना तुझसे, मुस्कराके बड़ी से बड़ी बात को गोल कर जाना जान लिया।
प्यार की कक्षा में प्यार के सिवाय न देना किसी बात को तव्वजो, चाहे करे कोई कितनी भी बात।
बड़ी से बड़ी परेशानियों को मुस्कुराके झेलना सीख गया, खुमारियों का लबादा फेंक के।
सचमूच क्या न किया तूने हमारे वास्ते, अब सब कुछ कर जाना चाहते है तेरे वास्ते।
बीच राह में भटकके अटकना न रही आदत हमारी, कर गुजरने की हो गयी जो तैयारी ।
बात बनती रहे या बिगड़ती पर जो करते गया तो गमों के सैलाब भी हौंसला तोड़ न पाया।


- डॉ.संतोष सिंह