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Hymn No. 2274 | Date: 21-Apr-2001
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चांद सितारों की बात करता नहीं, ना ही हवाई किले हूँ बांधता।
चांद सितारों की बात करता नहीं, ना ही हवाई किले हूँ बांधता।
तेरा बनाया अदना सा इक् पुतला हूँ, जो कभी कभी दिल से बात तुझसे है करता।
ऐसा ना है कुछ करूँ गुमा जिसपे, जो कुछ है पास अपने वो लिया दिया हुआ है तेरा।
मारा हुआ ना हूँ तेरा, मारा हुआ हूँ फितरतों का, जिनको अपनी जरूरत समझ बैठा हूँ।
फिर भी सब कुछ होते हुये चाहा हूँ तुझको, सनम माना ये भी तेरी कृपा का असर है।
समझदार तो था ना कभी, पर बेंसब्री भी मेरा स्वभाव नहीं।
हजरत, बातें तो बहुत बनाता हूँ, पर कर नहीं पाऊँ काम की बात एक भी।
अंजाम देना चाहा तेरा कहा, पर अंजाम से पहले ईनाम की आस कर बैठा।
रग रग मेरी तू है पहचानता, तेरे जी में आये जो कह कर सकता है मुझसे।
परम मुझे ना होने देना दूर तुझसे, जो भी हो जाये रखना तू मुझे सदा साथ अपने।


- डॉ.संतोष सिंह