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Hymn No. 2265 | Date: 17-Apr-2001
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अरे रे सम्भालो मुझे, हलाल हो गया मैं तो प्यार मे तेरे।
अरे रे सम्भालो मुझे, हलाल हो गया मैं तो प्यार मे तेरे।
दोगे कोई कसम तो भी रोक न सकेगे, काम तमाम जो हो गया।
लगाम चाहे कितनी भी कसो, मुझे बना दिया है प्यार ने बेलगाम ।
सच पुंछो तो कुछ भी रास नही आ रहा है, जो न हैं तू पास मेरे।
कहने को ले ना कुछ पास मेरे, प्यार में मैंन जो हो गया।
तुम्हारे दोषों से कोई ऐतराज नहीं, प्यार में जो इकरार हो गया।
तकरार चलती रही कितनी भी, पर अंतर में है करार तेरे प्यार से।
राहत दे नहीं पा रही है, जो आहत हुआ है इतना मन तेरे प्यार में।
जमाने का सताना कोई मायने ना रहा है, जो सताया हुआ हूँ तेरे प्यार का।
दिन-रैन बह रहै है नैन झर-झर, फिर भी चैन नहीं दिलको तेरे बिन


- डॉ.संतोष सिंह