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Hymn No. 2264 | Date: 17-Apr-2001
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है। प्रभु होके चूर प्यार में तेरे कुछ ऐसा हो जाये कि हो जाये मजबूर तू आने को।
है। प्रभु होके चूर प्यार में तेरे कुछ ऐसा हो जाये कि हो जाये मजबूर तू आने को।
करूँ कोई जिद ऐसी हो जाये मेरा हाल बेहाल, जानके आना पड़ जाये तुझको।
सताऊँ किसी बेबात को लेंके इतना जो हिला जाये तुझको, कि आना पड़े सजा देने तुझको।
रम जाऊँ तेरे भावों में इतना कि रह न पाये तू क्षण भर को, दौड़ा चला आये तू।
खेलूँ कोई नया खेल ऐसा, मचल पड़े तेरा दिल साकार होके खेलने को मेरे संग।
या फिर कोई शर्त लगाऊँ, हार हो तो मैं तेरा गुलाम, जीतने पे रहना पड़े हर पल संग।
चलते रहे तेरा मेरा द्वंद्व जिसमें खत्म हो जाये मेरे अंतर के और द्वंद।
रहना चाहूँ तेरे पास खुदको भुलाके, कि अलग होने न पाऊँ फिर कभी।
दांस्ता मोहब्बत कि फिर से गाऊँ कि तू बार बार सुनने को दौड़ा चला आये पास।
ऐसा कुछ कर जाऊँ जिससे जागने वास्ते आना पड़े तुझे पास हमारे।


- डॉ.संतोष सिंह