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Hymn No. 2252 | Date: 11-Apr-2001
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तड़पता हूँ हर पल कुछ कर गुजर जाने के लिये।
तड़पता हूँ हर पल कुछ कर गुजर जाने के लिये।
ऐसा क्या कर दूं जो तेरे दिल में बस जाने के लिये।
कमी न है तेरे और से कोई, कम पाता हूँ जो अपने आपको।
लागी ऐसी लगन, जले तन मन मेरा प्रतिपल जो तेरे लिये।
बुझाये न बुझे दहकती जाये, जा पहुँचे ताप तुझ तक उसकी।
सनम झूठ न पड़ने देना, जो कमी हो तू पूरी करवा लेना।
लड़ाई है नैन तो न झपकने देना, तड़पते दिल को तुझसे मिल लेने देना।
सकून के वास्ते न कहता हूँ, रहना नहीं चाहता तेरे बिना।
दिन गिनता हूँ तुझसे मिलने का, प्यार भरे सपनो में रंग भरने का।
घर कभी बातों से उबर जाऊँ, तुझमे सदा के लिये मिल जाऊँ।


- डॉ.संतोष सिंह