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Hymn No. 2242 | Date: 10-Apr-2001
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प्रभु आज तक किया सिर्फ तुझको परेशान।
प्रभु आज तक किया सिर्फ तुझको परेशान।
कभी न चाहा जीतना तेरे दिल को, करता रहा हैरान।
बिना किसी बात का किये गिला, रहा तू मेहरबान।
वक्त रहते न कि कद्रदानी, गुजरने पे रो रोके हाल बहुत बुरा किया।
फिर भी तूने ना छोड़ा साथ, चाहे हमने कि कितनी भी नादानी।
हमारी गल्तियों को स्वीकारो तू अपनी कमी बताके।
हर बात पे सताया, फिर भी तुझे मुस्कराते पाया।
दुश्मन तो जख्म देते है, तेरे अपने ने यह कमाल कर दिखाया।
बाते तो बहुत बड़ी बड़ी की, पर करने के नौबत पे तेरा सर झुकाया।
तूने बदलने की है ठानी, पर हमने तेरी एक बात ठीक से न मानी।


- डॉ.संतोष सिंह