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Hymn No. 2213 | Date: 12-Mar-2001
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बहता है प्यार दिलो में उकरता है शब्दों में ढलके, ये उसका कमाल है, ये उसका कमाल है।
बहता है प्यार दिलो में उकरता है शब्दों में ढलके, ये उसका कमाल है, ये उसका कमाल है।
रूलाता है रात दिन यादों में, पर छायी रहती है उमंग, ये उसका कमाल है, ये उसका कमाल है।
सालता है न मिलने के उसके बहाने, अनजाने में ढालता है आईने में ये उसका कमाल है, ये उसका कमाल है, ये उसका कमाल है।
जो मिट जाता ख्यालों में से, दबे पाँव आता है अश्को में से ये उसका कमाल है, ये उसका कमाल है।
कहता नहीं कुछ कह देता है नजरों से, हम नासमझो को समझ जाता है फिर भी ये उसका कमाल ये उसका कमाल है, ये उसका कमाल है।
करम हमारे गुल खिलाते है जब, बाज आता नही फिकरे कसने से फिर भी मजा बहुत आता है ये उसका...
मन ही मन जब करते है कुछ हट, तो झट से तोड़ता है बनके अनजाने ये उसका कमाल है ...
चोट करता है बेमुरव्वत होके बेशर्मी पे हमारे, फिर भी नरमी बरते ये उसका...
मसरुफ रखता है प्यार में अपने, नजर न लगे मासिक दुनिया का ये...
कहना है मुश्किल पर क्या कुछ करता है हमारे वास्ते ये...


- डॉ.संतोष सिंह