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Hymn No. 2211 | Date: 10-Mar-2001
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रंग दे तू मोहे प्रेम रंग में, चढ न पावे कोई दूजा रंग रंग ...
रंग दे तू मोहे प्रेम रंग में, चढ न पावे कोई दूजा रंग रंग ...
होरी आयी जले दिल मोरा, तेरे प्रेम की आग में विरह के गीत गाते । रंग...
रास न आवे अब कोई तीज त्यौहार बिन तोरे । रंग...
खेल खेला न जाने कितनी बार रंगो का, खेल न पायो तोरे साथ रंग...
भिगोया न जाने कितनो ने, पर रहा प्यासा का प्यासा दिल मोरा रंग...
वसंत कर जाये हर सुबे में संचार नवजीवन का, पर रहा अहम का झूठा रंग ...
विभोर कर न सकी किसी बावरी की नजर, जो कर गयी तोरी एक झलक। रंग...
मत कर अब तू देर आड़े आते कर्मो के सुखे ढेर को जलाके राख कर दे। रंग...
बीती होरी न जाने कितनी बार, बिसर जाने दे तोरे प्रेम रंग में । रंग...
कर दे जो बात मेरे दिल को हर पल, छू न पाये तोरे दिल को । रंग...


- डॉ.संतोष सिंह