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Hymn No. 2210 | Date: 09-Mar-2001
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बाते दिल में है हजारो, मौका ना दे तू कहने क।
बाते दिल में है हजारो, मौका ना दे तू कहने क।
माना कारण है अनेको, बिन ढुंढे मिलेगे दोष कई।
प्रभु वश में तेरे है तो संसार, इन कठपुतली के साथ खेले कोई और कैसे।
अर्पित कर दिया जब सर्वस्व तुझको, तो वंचित रह गया कैसे।
जानु कि तु जाने सब कुछ, मेरे वास्ते तू आया ना है अब।
फिर भी कितना समझाके अपने आपको, पर समझ न आये।
रहम मत करना, तड़पते हुये को तड़पाते जाना और तू।
अहसास करूंगा तेरे प्यार को हर पल, मर जाने पे भी जिंदा रखूंगा।
दागदार रहा हूँ कोई गूरेज नहीं, पर अब कायम करूंगा मिसाल प्यार में।
बीते हुये को भुलाके, साकार करूंगा तेरे सपनों को।


- डॉ.संतोष सिंह