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Hymn No. 2209 | Date: 08-Mar-2001
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कुछ ऐसा हो जाये जीवन का हर पल तेरे संग बातों में गुम हो जाये।
कुछ ऐसा हो जाये जीवन का हर पल तेरे संग बातों में गुम हो जाये।
बात में से बात निकले, बातों के बीच अमूक प्रेम का संवाद चले।
बात बेबात हो फिर भी न खत्म हो नजरों से कहने सुनने का दौर।
चलती रहे बात, हैरानी ना हो जब खत्म होने की नौबत न आये।
सुकुन मिल जायेगा बातों से, कहा हुआ भी कहता जाऊँगा पर हो ना खत्म सिलसिला।
बातों के सिवाय हो ना कुछ, अगर हो भी कुछ तो बात ही हो।
मौन भी हो तो होती रहे बातें दिल ही दिल में, चुप होना कबूल ना हो।
सता न सके इसके सिवाय कुछ और, जीवन गुजर जाये प्रेम भरी बातों में।
श्वास थम जाये तो कोई बात नही, पर अनवरत् बनाये रख ना तू संवाद हमसे।
कहने को तो है बहुत कुछ, जो गुंजे हर दिल की बात दिल में, तो चुप होना रास आये कैसे।


- डॉ.संतोष सिंह