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Hymn No. 2207 | Date: 07-Mar-2001
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बॉस के पास जायेंगे, बॉस को अपना बनायेगे।
बॉस के पास जायेंगे, बॉस को अपना बनायेगे।
बॉस ही तो है जीवन, जीवन से न कभी मुंह चुरायेगे।
पकड़ा है तो निभायेगे हर रस्म, हो वक्त चाहे कैसा भी।
अधिकार रहा ना मेरा, सब अधिकार तो सौंप दिया बॉस को।
अब तो उसकी इच्छा से बंध गयी मेरी श्वास, तो मानना पड़ेगा कहना।
सब कुछ सहते जायेगे, पर ना कुछ कहते जायेगे।
प्यार के सिवाय ना करूंगा अर्पण कुछ, कांटे रखूंगा हिस्से में अपने।
सारे सपने सच कर दिखाऊँगा, जो देखा है उसने।
बाँस को कुछ भी करके उतार लूगा जिंदगी में अपने।
संतोष का मिटना तय कर जायेगा, बॉस को बस पाना है।


- डॉ.संतोष सिंह