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Hymn No. 2026 | Date: 08-Oct-2000
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जब भी तेरी याद आये तक्षण हो जाऊँ प्रियतम् तेरा।
जब भी तेरी याद आये तक्षण हो जाऊँ प्रियतम् तेरा।
भनक न लगे कुछ की, गुम हो जाऊँ एकदम से तुझमे।
हो वहाँ पे तू और तेरे ख्याल, मिट जाये होने का गुमाँ।
बहता रहे प्रेम आँसू बनके, निहारूँ एकटक सबकुछ भुलाके।
तुझसे जुड़ी बातें हो दिल में, तन – मन के चारों और तेरी छवि हो।
जो भी हो तेरे मेरे बीच की दूरी, मिट जाये अगर न हो जरूरी।
तेरे सिवाय कुछ का मोह न रह जाय, श्वास चले तो तेरे यादों में।
करता हूँ तुझसे प्रेम तो इजहार करने में न है कोई संकोच मुझको।
जी कचोट के न रह सकता हूँ, मन में जो आयेगी बात बिन कहे न रह पाऊँगा।


- डॉ.संतोष सिंह