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Hymn No. 2 | Date: 01-Mar-1996
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चरण शरण दें प्रभो
चरण शरण दें प्रभो
मोहें चरण शरण दें ।
भटकूँ तेरे ही
इस मायावी जगत में ।
भ्रमित हुई मेरी बुध्दि,
भ्रमित हुआ मोरा मन ।
भूल बैठा हूँ खुदको,
भूल बैठा हूँ तुझको ।
चरण शरण दे प्रभु
मोहे चरण शरण दे ।


- डॉ.संतोष सिंह