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Hymn No. 2016 | Date: 04-Oct-2000
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न सता तू हमको इतना, जता – जता के प्यार तेरा।
न सता तू हमको इतना, जता – जता के प्यार तेरा।
माना दोष है बहुतेरे हममें, पर चाहत भी तो है।
आंख फेरने को किसने कहा, दूर कर दे तू कमी हमारी।
बना – बनाया तो न मिलता है, मिला हुआ कैसे टिकेगा।
झूठ न हो सकता मेरा, कहा हुआ, चाहे हो जाये गलत हालात के चलते।
तकते रहा हूँ राह न जाने कब से, शायद नजरों में तेरी न हो कीमत।
सचेत तूने कई बार किया, फिर भी दोहराया गल्तियों को।
कब तक रहेगा खेल – खेलता तू, ऊपर – नीचे होते रहने का।
सहा है तूने लाख हमारे किये हुये को, पर हमने भी गम कम नहीं खाया।
झूठा हो सकता हूँ पर प्यार मेरा झूठा हो सकता नहीं चाहे हो एक क्षण का।


- डॉ.संतोष सिंह