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Hymn No. 2017 | Date: 05-Oct-2000
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दुनिया भर की जानने से क्या होगा, मुझे जान लेने दे बस इतना जिससे जीत सकू तुझको।
दुनिया भर की जानने से क्या होगा, मुझे जान लेने दे बस इतना जिससे जीत सकू तुझको।
दुनिया भर की मान लेके क्या करूंगा, मुझे मान लेने दे बस इतना जिससे मीत बना सकूँ तुझे अपना।
दुनिया भर की गुण लेके क्या करूंगा, मुझमें रहे बस गुण इतना गुण गाता रहूं तेरा सदा।
दुनिया भर का प्यार पाके क्या करूंगा, मुझे तो सुध – बुध खोके प्यार करते रहना है तुझको।
दुनिया भर के भोग पाके क्या करुँगा मुझे तो भोगना है विशुध्द भावों में रहके तुझे।
दुनिया भर के ईश्वर को जानके क्या करूंगा, मुझे तो तुझ एक को जान लूँ तो जान जाऊँगा सबको।
दुनिया भर पे विश्वास करके क्या करूंगा, मुझे तो परम विश्वास करना है तुझपे जो मर्जी तेरी वो तू करना।
दुनिया भर के लोगों से वास्ता रखके क्या करूंगा, मुझे तो बात ऐसी करनी है मोह ले तेरे दिल को।
दुनिया भर का कुछ भी हो-ना चाहिये कुछ, मुझे तो सब कुछ मिल जायेगा जो तू मिल जायेगा।


- डॉ.संतोष सिंह