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Hymn No. 1987 | Date: 16-Sep-2000
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यूं ना दिखा आँखे, डरने की बजाय खो जायेगे उनमें।
यूं ना दिखा आँखे, डरने की बजाय खो जायेगे उनमें।
राहे प्यार पे निकला हूँ, मुड़ने के बजाय कुर्बान हो जायेगे तुझपे।
सनम क्या कुछ देके तुझे पा लूं, फिर भी मेरे वास्ते सौदा है सस्ता।
जीवन मैं छायेंगे दुःखों के पल हजार, एक लम्हा तेरे साथ का कर देगी काफूर दुःखो को।
सहूर ना है कुछ करने का, अगर करता हूँ कुछ तो तेरे प्यार के तरन्नुम में बहके।
बहका था बहुत बार कंचन के पीछे, इस बार बहका मस्ती से भरे बयारों के संग।
कोई रंग अब और क्या चढेगा, हर लम्हाँ छाया रहता है नशा प्यार का।
करते है लोग हजार बातें, कोई बात छिपाये नहीं छिपती चहकता हूँ गाहे बगाहे।
छोड़ दो दुनिया की दुनिया के वास्ते, मुझे गाने दो मसरूफ होके प्यार के तराने।
बेखबर बेलाग होके खो जाऊँगा तेरे प्यार में, अब हमको इसके सिवाय करना न कोई काम।


- डॉ.संतोष सिंह