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Hymn No. 1986 | Date: 15-Sep-2000
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हें। जानम तू है बड़ा जालिम, छोड़ेगा लेके जान तू मेरी।
हें। जानम तू है बड़ा जालिम, छोड़ेगा लेके जान तू मेरी।
इतने सस्ते में ना छूटेगी जान देने के बाद, पहचान तुझमे अपनी बतायेगा।
सता ले तू कितना भी प्यार के नाम पे, तुझको ना छोड़के जायेगा।
दूर जाना तू कितना भी पास तेरे हमेशा दौड़ - दौड़के आयेगा।
छीन लेना तू सब कुछ तेरा, तब भी प्यार का गीत गाते – गाते तेरे पास आयेंगे।
कितना भी तू भरमाना, भरम टूटते पर की रस्में निभाने आयेंगे।
सवाल खड़ा करना कितना भी तू हमपे, करने न देंगे प्यार पे हमारे।
सचमुच कुछ ना ऐसा है पास मेरे, जो न पाया हो तुझसे।
निभाया नहीं तो क्या, निभाने की तमन्ना तो है दिल में।
जानम तूने दिया न जाने कितना कुछ, सहेजने न आया हमको।


- डॉ.संतोष सिंह