VIEW HYMN

Hymn No. 1973 | Date: 09-Sep-2000
Text Size
करना ना भरोसा यारों मुझपे किया है बदनाम प्यार को कई बार।
करना ना भरोसा यारों मुझपे किया है बदनाम प्यार को कई बार।
तुम्हारी लानत के भी हूँ लायक, सर से पांव तक हूँ बदमाश।
न जाने कितनी बार तोड़ा है विश्वास, प्यार का आंसरा लेंके।
दिया है तुम्हारा वास्ता दूसरों का, झूठे सच पे विश्वास दिलाने के वास्ते।
मत पूछ तू क्या ना किया, तेरे नाम के सहारे अपना नाम करना चाहा।
बहुत कुछ पाके न जी सकूंगा, तेरे पास दास बनके रहना पड़ा तो रह लूंगा।
बोल फूटतें नहीं तेरे आगे, पर प्यार ही प्यार है दिल में तेरे वास्ते।
मौका अगर चूंका दूँगा लाख तो क्या पाऊँगा तुझे मैं खाक होने से पहले।
तुरूप का इक्का है मेरा प्यार, जो आता है काम न जाने कितने मुश्किलों में।
बदल सकता है सब कुछ, हों जाये जिसके भी दिल पे तेरे प्यार का वार।


- डॉ.संतोष सिंह