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Hymn No. 1971 | Date: 08-Sep-2000
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मुझे डस लिया तेरे प्यार ने, जीवन जीते हुये मर गया मैं।
मुझे डस लिया तेरे प्यार ने, जीवन जीते हुये मर गया मैं।
गुमा न था प्यार के जहर का, एक ही बार में हो गया खलाश।
दोष कम है इसमे कुछ तेरा, मैं तो पहले से मारा था प्यार का।
शहादत देना – लेना है आसान प्यार में, पर निभाना होता है मुश्किल।
कसमें खाके तोड़ी है जरूर, पर दिल से न किया कभी तुझे दूर।
सरूर छाया रहता है दिल पे हर पल, फर्क ना पड़े रहे चाहे तू दूर।
भटका हूँगा कई बार माया में, पर न पड़ने दिया किसी और की छाया को।
मन ने ना दिया साथ तो क्या से, पर दिल ने संजोयाँ तेरे यादों को।
इलजाम देना है आसान तेरे वास्ते, हंसके कबूल करना है हमारी आदत प्यार समझके तेरा।


- डॉ.संतोष सिंह