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Hymn No. 1970 | Date: 08-Sep-2000
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तेरा किया हुआँ होता कुछ, तो लेता नहीं मैं, यें तो नारायण का दिया हुआ है।
तेरा किया हुआँ होता कुछ, तो लेता नहीं मैं, यें तो नारायण का दिया हुआ है।
दे देके कोई क्या दे देगा, मुझे तो पाना है सब कुछ उस पूरन परमात्मा से।
मुझे देना ना है किसीके वश की बात, हाँ बन सकता है वो निमित्त जरूर।
पाते है पीछे के कर्मों के आधार पे, बदल आती है उसमें सद्गुरू की कृपा से।
कोई इससे ऊपर नहीं न ही वहाँ भेंद किसीमें, फरक है तो हमारे समझने में।
झूठा है सबको अपने हिसाब से समझने की, पर चलता नहीं जोर शब्दों का उसमें।
हाँ बदलता है जरूर, पर निर्भरकरता है प्रेमियों के प्रेम पे वो।
चलता नहीं जोर उसका किसीपे वो तो है दीवानगी की दीवानगी।
परवानों की कुर्बानी के आगे झूकता है वो जरूर पर रूकता नहीं।
मस्तानों पे चलता नहीं जोर किसीका, वो तो मनाते है मौंज हर हाल में जो।


- डॉ.संतोष सिंह