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Hymn No. 1947 | Date: 22-Aug-2000
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प्रभु जी जन्मे हो तुम आज, करने वास्ते दुनिया भरके काज।
प्रभु जी जन्मे हो तुम आज, करने वास्ते दुनिया भरके काज।
क्यों रखते हो हर बात में तू राज, जो करना पड़ता है हमको फरियाद।
अगर लायक न बने है तो बना दे तू जान जाने के वास्ते।
जो भी हो उचित वो तू करना – करवाना सिखा दे हमारे वास्ते।
उठाया है कदम तेरी और, रुकने देना तू किसी वजह से।
तेरी कृपा से पुरुषार्थ हम करेंगे कल भी तुझे सौंपते जायेगे।
दिया है तेरा सब कुछ, उत्तरदायित्व को हम अच्छे से निभाते जायेगे।
मेरे जीवन के हर फैंसले को करना तू, हंसके स्वीकार करते जायेगे।
मोहब्बत है इतनी गहरी तेरी पैठ हो जाये मेरे अंतर में।
जहाँ चाहूँ वहाँ करूँ दर्शन तेरा, मन मेरा ढल जाये सुदर्शन स्वरुप में तेरे।


- डॉ.संतोष सिंह