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Hymn No. 1945 | Date: 20-Aug-2000
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ऐ महारानी तेरे पास खड़ा तेरा दास करते हुये गुहार।
ऐ महारानी तेरे पास खड़ा तेरा दास करते हुये गुहार।
माया के पास से मुक्त कराके रख ले तू अपने पास।
कई बार दिया झांसा तो क्या, दिल चाहा अनेकों बार तुझे।
वास्ता न देता हूँ किसी बात का, मैं तो अपने मन की बात हूँ कहता।
तेरे कहने कीना है कुछ जरूरत्। अपना किया हुआ सब कुछ जानता हूँ।
कोई कहे कितना भी कुछ मुझे, पर दिलही दिल में तुझे मानता हूँ।
जुड़ा हुआँ है मेरा सब कुछ तुझसे, चाहे रहे तू दूर कितना भी मुझसे।
गुरूर ना कोई हूँ करता, पर तेरी हर बात पे हूँ मरता।
डर तो मेरा अब निकल गया, जब से प्यार ने किया घर दिल में।
मुश्किल होता जा रहा है तेरे बिन रहना मान ले तू मेरा कहना।


- डॉ.संतोष सिंह