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Hymn No. 1940 | Date: 17-Aug-2000
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दिल रहता हो बेकरार तेरे पीछे पर करना ना चाहे कोई तकरार तुझसे।
दिल रहता हो बेकरार तेरे पीछे पर करना ना चाहे कोई तकरार तुझसे।
इकरार करता है सरेआम, जीवन के हर पलों को जो कर दिया तेरे नाम।
लॉज आती नहीं कहे चाहे कोई कहे कुछ, किसीको ना है दिखाना, मुझको तो है तुझे फंसाना।
किसीकी समझ को बदल नहीं सकता, समझे चाहे कोई भी कुछ मेरे प्यार को।
खार खाये कोई भी कितना प्यार करने के सिवाय मुझको कुछ ना भाये।
साये की तरह रहना चाहता हूँ साथ तेरे, छांव हो तो मिल जाऊँ तुझमे।
लाग लगाये रखना चाहता हूँ तुझसे, लग जाये चाहे आग जीवन में मेरे।
निकाल बाहर कर मेरे अंतर के लप्प - चप्प को, हो जाये जो तेरे वास्ते रास्ता साफ।
मेरी दास्ता के हर पन्ने पे है नाम तेरा, प्यार के सिवाय कोई शब्द न हो।
तेरे चरण कमल में पाता हूँ सुकून, यकीन करना होगा तुझे मुझपे।


- डॉ.संतोष सिंह