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Hymn No. 1922 | Date: 07-Aug-2000
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बैरंग है जीवन, रंगमय है तो प्यार तेरा।
बैरंग है जीवन, रंगमय है तो प्यार तेरा।
इक् बार चढा जो उतारे ना उतारे कभी।
होता है मुश्किल प्यार करना, हो जाता है ये।
उलट – सुलट होता है, जब यह रोग लग जाता है।
निश्चित कहना होता है मुश्किल, अंदाजे मोहब्बत का।
मोहब्ब्त का असर ना होके, होती है अंतर की बात।
जो धीरे धीरे तन – मन को लेती है लपेट।
कुछ ना बचता, प्यार में प्यार के सिवाय कुछ ना रहता।
प्यार की कसमें होती है अजीब, देनी पड़ती है जाँ कभी।
अनोखी है इसकी रस्म, निभाने में छूट जाती है श्वास।
यादों कि आग में तपना पड़ता है दिन – रात।
मत पूछो इसकी जात, जो रहते है तैयार होने को खाक।
वहीं तो प्यार करते है, जलके शमाँ का नाम करते है रोशन।
उसके होता है प्यार आधा, मस्ती में हो जाता है पूरा।
जिसपे चढा इसका सरूर, मिटा जाता है हर गुरूर।


- डॉ.संतोष सिंह