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Hymn No. 1916 | Date: 04-Aug-2000
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न जाने कितने जन्मों के बाद मिला तेरा साथ ओ। कान्हाँ।
न जाने कितने जन्मों के बाद मिला तेरा साथ ओ। कान्हाँ।
अब ना जाने दूँगा तुझे हाथों से चाहे हो जाये कितनी भी बात।
भुका रहूंगा चरणों में तेरे, अड़ा रहूंगा तेरे प्यार को पाने के वास्ते।
औंरो की नागवारी का न कोई मतलब, तेरी नागवारी होगी बेअसर हमपे।
तू रखना हमकों किसी भी धाम में, मौका ना चूकूगाँ तेरा नाम लेने से।
होंगे खुद गुमनामियों में पर तेरे प्यार का गीत गाने से न चूकेगे।
रोकना किसी के वश में नहीं, अभागे का आयेगा अगर भाग्य आज।
तो कर दूँगा अपने आपको मुक्त तन से, तेरे प्यार के धुन में।
करुँगा प्यार तुझसे इतना, ढल जायेगा तन – मन जिस रूप में चाहे तू।
नर से नारी बनके चुराऊँगा तेरे दिल को, मन की गलियों से निकलके सिमट जाऊँगा तुझमें।


- डॉ.संतोष सिंह