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Hymn No. 1903 | Date: 30-Jul-2000
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गुले – गुलजार हो उठा है, मेरा दिल तेरे प्यार में।
गुले – गुलजार हो उठा है, मेरा दिल तेरे प्यार में।
यार इस निकम्मे पे सवार हो चुका भूत तेरे प्यार का।
काटो तो खून नहीं छाया रहता है जुनून तेरे प्यार का।
अदावत नहीं चाहता, इनायत चाहूँ तेरी प्यार भरे नजरों से।
मसरुफ रहता है दिल तुझमें चाहे घड़ियाँ हों इंतजार भरी तेरे प्यार में।
न जाने कितने जनमों के बाद मिला तसव्वुर तेरे प्यार में।
सितमगर तू ढाता रह सितम हम सह जायेगे तेरे प्यार में।
रब अब तू चाहे कुछ भी कर ना गलने वाली है दाल तेरे प्यार में।
खिंचवा ले तू कितना भी ख्याल जीवन के राह में, जारी रहेगा प्यार तेरे प्यार में।
तुझसे जुड़ने का सबब जो बना जीवन में, मुश्किलें हो गयी आसा तेरे प्यार में।


- डॉ.संतोष सिंह