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Hymn No. 1892 | Date: 26-Jul-2000
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ऐ बास न जाने देंगे तुझे अपने पास से, लगा ले कितना भी तू दम।
ऐ बास न जाने देंगे तुझे अपने पास से, लगा ले कितना भी तू दम।
हम गम को भुलाके खोयेगे तेरे प्यार में, तुझे मौका ना मिले खिसकने का।
सिसकियाँ लूंगा ना किसी गम से वो तो उपजेंगी तेरे पास रहके तेरा हो न पाया क्यों।
कमजोरीयाँ होंगी लाख पर इतना कमजोर नहीं कि दूर तू चला जायेगा मुझसे।
हमसे भी खुबसूरत दिल है औंरो के भी, पर बड़बड़ करता है तेरे नाम का बहुत मैं।
मानता हूँ कनीज़ की कोई लायकियत न है, पर इससे फरक कहा है तुझे पड़ता।
सच पूछो तो गड़बड़ी बहुत की, पर तेरे वास्ते रहता हूँ हर पल हड़बड़ी में।
तरेर् ले तू कितनी भी आँख, बंद करके मैं आँखें चिपट जाऊँगा तुझसे ही।
मानता हूँ तेरे पास है जोर तेरी अनंत ताकत का, जिससे तू विदा कर सकता है मुझे।
जहाँ भी तू मुझे भेजेगा, कम से कम होंगी तेरी दुनिया जो दिलायेंगी याद तेरी।


- डॉ.संतोष सिंह