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Hymn No. 1890 | Date: 26-Jul-2000
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जीवन के कई रंग है, देखके उनको हो जाता है मन दंग।
जीवन के कई रंग है, देखके उनको हो जाता है मन दंग।
मैं तो रंगना चाहता हूँ, जीवन के हर पहलू को प्रेम रंग में।
माना आयेगी बहुत मुश्किल, हर दौर को प्रेम से स्वीकारने में।
पर तेरी कृपा से बदल जायेगा सब कुछ सहजता – सरलता में।
उंगली कोई लाख उठायेगा मेरे ऊपर, मुस्कुराके टाल जायेगे।
हर हालात में हंसते हुये ऐ। निर्गुण तेरा गुण गाते जायेगे।
तेरी रौ में बहते हुये दुनियाँ को तेरा अमर गीत सुनायेंगे।
अंबार होगा जीवन में सुख – दुःख से भरे पलों का, उबरके लूंगा नाम तेरा।
आश्चर्य न करो मुझपे, ऐ तो कमाल है दिल में खिले प्यार के फूल का।
जो रखता है हमको अपने आप में मस्त, सारे मन के कसक तोड़के।


- डॉ.संतोष सिंह