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Hymn No. 1886 | Date: 23-Jul-2000
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बड़ी मुश्किल है कहा हुआ करने में, फिर भी तू न डरना।
बड़ी मुश्किल है कहा हुआ करने में, फिर भी तू न डरना।
धीरे – धीरे करना तू प्रयास, जारी रखना सतत् अंत तक।
ध्यान में रहे करने का, पर ना करना गौर दुनिया के हँसने का।
अरे छोड़ तेरी, हँसती है यें दुनिया मौका मिलते प्रभु पे भी।
कम से कम देना तू मौका, करके चौंका देना तू अपने आपको।
बहते जाना हर पल करने में, न बनना तू करने का खिलौना।
आयेंगी असफलता में निकालना उसमें से खोज अपनी चूक बिन डरे।
होगा तू इक् दिन अचूक, मिट जायेगा अंतर के कहने करने का।
तेरी इस अदा पे हो जायेगा वो बरवस फिदा ना जुदा होने के वास्ते।
मिट जायेगी जीवन के हर दौर की खदबदाहट, मशगूल होगा तू कहाँ करने में।


- डॉ.संतोष सिंह