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Hymn No. 1666 | Date: 15-Apr-2000
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चल रहा है नये नये प्यार का दौर, मत करो कोई सवाल नहीं तो मचाऊँगा बवाल।
चल रहा है नये नये प्यार का दौर, मत करो कोई सवाल नहीं तो मचाऊँगा बवाल।
मस्त हूँ मैं प्यार की मस्ती में, बेखबर होके सारी दुनिया से।
तिर रहा है रोम – रोम मेरा आनंद के ज्वार में, हर मार हो गयी है बेअसर।
कोई चाहत ना रह गयी मन में, बस जारी रखना तो प्यार का दौर।
डूब चुका हूँ स्वास्थ मैं, तेरे सिवाय अर्थ ना रहा जीवन में किसीका।
कोई क्या करेंगा अब मुझे वश में, मैं तो हो चुका प्यार के वश में।
गिले – शिकवे के लिये करना तू मुझे माफ, होश में ना हूँ अपने होने का।
ना चलेगा मुझपे जादू – टोना कोई, जो प्यार का जादू चल गया मुझपे।
कितना भी उठाओ उँगली मुझपे होगा ना कोई मलाल, मिट चुके है सारे ख्याल।
जहालत में रहूँ या बहालत मैं पर मुझे ना करना जुदा यार तेरे प्यार से।


- डॉ.संतोष सिंह