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Hymn No. 1663 | Date: 13-Apr-2000
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खोये हुये को खो जाने दे खोये हुये में।
खोये हुये को खो जाने दे खोये हुये में।
लगता है अजीब कुछ, पर प्यार का है ये तरन्नुम।
अथाह सागर की जो दो बूँद चख लेंगे हम।
ना घट जायेगा तेरा कुछ, हाँ हम मिट जायेंगे जीते जी।
रीत है पुरानी, होता है यह हाल प्यार के दीवानों का।
परवाना जलके कर जाता है रोशन शमा को और।
जीके कीये नाम बदनाम तेरा, कुछ तो आ जाने दे काम।
सुबह का भूला घर लौटे शाम को तो वा कहलाये भूला।
अब कर लेने दे प्रणाम, करके अपना काम तमाम।
चाहता हूँ आज मिलन कुछ ना बनके तुझमें प्रियतम्।


- डॉ.संतोष सिंह