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Hymn No. 1661 | Date: 12-Apr-2000
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मैंने देखा है गमों को दम तोड़ते प्रभु तेरे चरणों में।
मैंने देखा है गमों को दम तोड़ते प्रभु तेरे चरणों में।
मैंने देखा है करुणा को लहलहातें प्रभु तेरी आँखों में।
मैंने देखा है आनंद के सागर को मचलतें प्रभु तेरी बाहों में।
मैंने देखा है कृपा को बरसते मचलतें प्रभु तेरे करीब आने पे।
मैंने देखा है मस्ती में झूमते हर जीव को प्रभु तेरा सामीप्य पाने पे।
मैंने देखा है समय को रूकते प्रभु तेंरे प्यार में।
मैंने देखा है खेल – खेलते प्रभु को माया का।
मैंने देखा है धरा पे साधारण इंसा बनके रहते प्रभु को।
मैंने देखा है सुध बुध खोके लोगों को प्रभु में प्रभुमय होते।
मैंने देखा है लुटाते प्रभु को सब कुछ अपना – अपनाने के वास्ते।


- डॉ.संतोष सिंह