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Hymn No. 1659 | Date: 11-Apr-2000
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चल रहा है धीरे – धीरे दिल पे जोर प्रभु का, बढ़ते जा रहे और उसके।
चल रहा है धीरे – धीरे दिल पे जोर प्रभु का, बढ़ते जा रहे और उसके।
हाथों में ना रह गया अब कुछ हमारे, हो गया सब कुछ सहारे उसके।
जो सोचा था वो काम न आया, ना सोचा हुआ कर गया काम।
नाम मिटते – मिटते खो गया गुमनामी मैं, जो हुआ प्यार में तेरे बदनाम।
छाया रहता है सुरूर हर पल तेरे प्यार का, प्रभु – प्रभु ना रहके बन गया यार जो।
सवार रहता है दिल पे प्यार का भूत, कैसे भी करके करदे मुझे नेस्तनाबूद।
खोट ना है दिल में कुछ तेरे वास्ते, आये मन में चाहे कुछ ना कुछ।
सब कुछ समझता है मेरे यार, फिर क्यों करा रहा है इतना इंतजार।
तेरे बिन् लगे हर लम्हा खौफनाक, क्या न बताऊँ क्या न होता है मेरे साथ।
हाथों में तेरे है सब कुछ, करना चाहे तो कुछ आड़े आ नहीं सकता संसार में।


- डॉ.संतोष सिंह