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Hymn No. 1657 | Date: 11-Apr-2000
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जमेंगी प्रभु के पास एक से एक बढकर भक्तों की महफिल।
जमेंगी प्रभु के पास एक से एक बढकर भक्तों की महफिल।
गूँजेंगे शमा में मधुर गीत, हो जायेगा हर मन तन्मय संग उनके।
कुम्हलाये चेहरे खिल उठेंगे, दिल से गूँजेगी संगीतमय स्वर लहरियाँ।
हर कोई हो जायेगा भाव विभोर, जो कर जायेगा प्रभु को आनंद में मग्न।
वैसे तो प्रभु है आनंदमय, पर आज की बात होगी और कुछ।
बरसायेगा कृपा नजरों से वो, हर दिल हो जायेगा शिकार प्यार का।
जन्मों – जनम के तरसते हुओ को आयेगा मजा, चारों और आलम होगा मस्ती का।
प्यार भरी मिन्नतें होंगी हजार, कोई ना लगायेंगा फरियाद की गुहार।
महफिल से निकलने वालों के चरणों को छूकें हो जायेगा धन्य-धन्य हर कण-कण।
पवन छूकें होंगा कृत – कृत, बिखरायेंगे चहूँ और उनके गीतों का सूवाश।


- डॉ.संतोष सिंह