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Hymn No. 1656 | Date: 10-Apr-2000
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डरता हूँ अभी भी अपने अंजान भविष्य को लेके।
डरता हूँ अभी भी अपने अंजान भविष्य को लेके।
मतलब यही है अभी भी खोया नहीं, अपने आपको प्यार में तेरे।
भटकता हूँ अभी भी अंजान राहों पे, कुछ पाके कर दिखाने वास्ते।
इसका मतलब यहीं है निर्द्वंद होके चलना न आया प्यार की डगर पे।
लड़ता रहता हूँ अगर – मगर से, जिगर ने जो ठाना, करना न आया।
मतलब यही है, हूँ अभी भी कमजोर, दृड़ता पूर्वक कहा हुआ, करना न आया।
झगड़ता मन के अनेंक भावों से, जो ना छोड़ते है पीछा मेरा।
मतलब यही है अभी भी निर्मल हुआ नहीं, जो पा सकूँ प्यार तेरा।
यार हँसता हूँ अपने आप पे, खूबियाँ कुछ ना कुछ होती है
यहाँ बिन खोजे एक नहीं मिलतीं है हजार, फिर भी तू स्वीकार अपने पास।


- डॉ.संतोष सिंह