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Hymn No. 1655 | Date: 04-Apr-2000
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होंगी बातें हजारों मन में, पर दिल में ना है प्यार के सिवाय कुछ।
होंगी बातें हजारों मन में, पर दिल में ना है प्यार के सिवाय कुछ।
आते है अब भी कई ख्वाबों, पर ख्यालों में बस रहता है अब तू।
मन लगता है अभी भी दुनियादारी में, पर मजा आता है तेरे पास।
सताते है अब भी कई क्रूर इच्छायें, पर हो जाता हूँ मुक्त खोते ही यादों में तेरी।
हैरानी की बात है परेशान रहता था यूँ ही, पर तेरा साथ मिलने के बाद आनंद में रहता हूँ यूँ ही।
जीवन को जो पहले देखा था आज तक, तेरे पास आके उल्टा – पुल्टा पाया।
मायने रखती थी पहले हर चीज बहुत ही, आज मायने ना रखता है कुछ भी।
अब ना होता है आश्चर्य अनहोनियों पे, सब कुछ होता है संसार में सहजता सरलता से।
प्रभु यहाँ वहाँ भटकता था तेरे वास्ते, आज पाता हूँ हर राह पे तुझे।
मेरा ना होना निश्चित है, पर प्रभु तू ना होके भी है ये भी है निश्चित।


- डॉ.संतोष सिंह