VIEW HYMN

Hymn No. 1654 | Date: 08-Apr-2000
Text Size
कोई ऐसी बात निकले दिल से, जो छू जाये तेरे मन को।
कोई ऐसी बात निकले दिल से, जो छू जाये तेरे मन को।
झूम जाये सुनके उसे तू, खुश हो जाये देखके हम तूझें।
बंद हो जाये दिखनां नजरों से, कुछ ना सूझे तेरे प्यार के सिवाय।
मेरा चाहना मिट जाये, जो मैं तेरे भीतर सिमट जाऊँ।
निपट अकेला पड़ जाऊँ जगत में, पर जगन्नाथ रहना तू सदा साथ।
होने को हो या न हो कुछ पास मेरे, पर हाथों में हो हाथ तेरा।
दुःखों का टूटे परवत, पर मैं आँखों में तेरे बैठके गाऊँ प्यार का गीत।
हारूँ मैं हर जगह, हार जाऊँ खुदको हाथों तेरे प्रभु।
नाकार को ना देना कुछ, पर लेते रहने देना नाम तेरा।
दायरा ना बढ़ने देना मेरा, सिमट जाना मेरे दायरे में तू।


- डॉ.संतोष सिंह